हिंदी उर्दू पी डी एफ़ फ़ाईलस
उर्दू किताब को क्यूँ हिंदी रस्म-उल-ख़त में शाए किया जाए? चूँकि लातादाद क़ारी ज़्यादा रवानगी से हिंदी पढ़ सकते हैं इस लिए उर्दू जियो वर्झ़न देवनागरी में भी शाए हुआ है।
किताब-ए मुक़द्दस
तौरेत
तारीख़ी स़हाइफ़
सहाइफ़-ए हिकमत और ज़बूर
सहाइफ़-ए अन्बिया
इंजील-ए मुक़द्दस
Last updated Sep 16, 2024